गाज़ीपुर थाना क्षेत्र के मुंशीपुलिया के पास इंदिरा नगर सेक्टर-18 में चल रही स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट एजेंसी कर्मचारियो का वेतन और लैपटॉप लेकर रातोरात फरार हो गई। इस से नाराज़ कर्मचारियो ने एजेंसी कार्यालय में तोड़फोड़ की और गाज़ीपुर थाना पंहुच कर हंगामा किया।
मामले में पुलिस ने अधिकारी नीरज मौर्य सहित पांच लोगो के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज़ कर कारवाई शुरू की है। प्रभारी निरीक्षक जांचकर्ता गाजीपुर रामेश्वर कुमार के मुताबिक 15 नवंबर से शिकायतकर्ता स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट एजेंसी ने मुंशी पुलिया के पास इंदिरा नगर सेक्टर-18 में कार्यालय खोला था।
यहा 600-700 बच्चो को नौकरी पर रखकर उनसे वर्क फ्रॉम होम और ऑफिस दोनो जगह काम कराया जा रहा था। पीड़ितों ने बताया की उन्हे डेटा एंट्री का काम दिया जा रहा था। गत 18 दिसंबर को एजेंसी वालो ने ऑफिस बुलाया और लैपटॉप, एसएसडी समेत अन्य सामान जमा करा लिया। सोमवार को कर्मचारी कार्यालय पहुंचे तो एजेंसी में ताला लगा था। पीड़ितों का कहना है की आरोपियों ने काम करने के बाद सैलरी तो हड़प ही ली उनका लैपटॉप भी लेकर भाग गई है।
उनके लैपटॉप की सुरक्षा से भी खिलवाड़ किया जा सकता है। आरोपियों में नीरज मौर्य, हबीबा सिद्दीकी, प्रदीप यादव, विशाल और निशि के मोबाइल बंद मिले। इसके बाद पीड़ितों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज किया है।
मंगलवार को 30 से 40 पीड़ित कर्मचारी पुलिस की कारवाई से असंतुष्ट होकर सहायक पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे और वहां उन्होंने अपराधियों के मोबाइल नंबर और उनकी तस्वीरें, उनके वाहन के नंबर, उनको किए हुए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की जानकारी, गाजीपुर थाने के एसीपी से साझा की और उनसे इस मामले में तुरंत कारवाही करने की अपील की। एसीपी सुनील कुमार शर्मा ने तुरंत इस मामले पर जांच के लिए टीम गठित करने का आदेश दिया और पीड़ितो को 2 से 4 दिन में अपराधियो को पकड़ने का आश्वासन दिया।